Muhammad Ali
Call Now: +91-9725277499

जानिए इस बार ईद उल फितर कब है?

रमजान का पवित्र महीना चल रहा है। ऐसा माना  जाता है कि रमजान के बाद अल्लाह की नेमतों को पाने के लिए पूरे देशभर में ईद उल फितर का त्योहार मनाया जाता है।  ईद का यह त्योहार रमजान के पूरे होने की खुशी में मनाया जाता है। ईद दुनिया भर के मुसलमानों के लिए खुशी का दिन है। इस्लाम में दो खुशी के दिन हैं, ईद-उल फित्र और ईद उल जुहा। रमजान की आखिरी रात के चांद को देखकर यह तय किया जाएगा। रमजान महीने के 30 दिनों के रोज़े के बाद जो ईद होती है उसे ईद-उल-फितर या मीठी ईद कहते हैं।

रमजान में पुरे महीने रोजे रखने के बाद ईद उल फितर मनाई जाती है। इस बार मीठी ईद 23 या 24 मई को मनाई जाएगी। रमजान उल मुबारक माह के बाद ईद उल फितर के इस मुबारक दिन सुबह के वक़्त मुस्लिम समुदाय के लोग ईदगाह में जमा होकर ईद की नमाज अदा करते है। लेकिन जैसा कि हम जानते है कि इस बार कोरोना वायरस और लॉक डाउन के मद्देनजर लोगों को ईद की नमाज अपने घरों में ही अदा करनी होगी।

नमाज के पहले हर मुसलमान के लिए फितरा देना फर्ज है। फितरे के तहत प्रति इंसान पौने दो किलो अनाज या उसकी कीमत गरीबों को दी जाती है। इसका मकसद यह है कि गरीब भी ईद की खुशी मना सकें। ईद अल्लाह से इनाम लेने का दिन है।

कैसे मनाई जाती है मीठी ईद?

इस दिन घरों में खास तौर पर किमामी सेवइयां, शीर और दूध वाली सेवइयां बनाई जाती हैं। इन्हें एक-दूसरे के घरों में बांटा जाता है। बच्चों को ईदी या तोहफे दिए जाते हैं। नए-नए कपड़े पहनें जाते हैं। वहीं, रोज़ेदार ईद की नमाज़ अदा करते हैं। 

इस्लाम धर्म की दो ईद-

इस्लाम धर्म में दो ईद मनाई जाती है। पहली मीठी ईद जिसे रमज़ान महीने की आखिरी रात के बाद मनाया जाता है। दूसरी, रमज़ान महीने के 70 दिन बाद मनाई जाती है, इसे बकरीद कहते हैं। बकरा ईद को कुर्रबानी की ईद माना जाता है। पहली मीठी ईद जिसे ईद उल-फितर कहा जाता है और दूसरी बकरी ईद को ईद उल-जुहा कहा जाता है।

Like and Share our Facebook Page.